नमस्कार दोस्तों आज हम इस कहानी लालच का फल। Lalach Ka Fal Short Story In Hindi के बारे में जानेंगे ।
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प्राचीन समय में एक गांव में एक पंडित जी थे । पंडित जी का नाम रामदास था । रामदास रोज शाम को पूजा करने के लिए मंदिर जाया करते थे । मंदिर गांव से करीब दो कोस दूर गांव के दक्षिण दिशा में जंगल मैं था। रोज की तरह रामदास एक दिन शाम को पूजा करने जा रहे थे। उस दिन पंडित जी को पूजा करते थोड़ी देर हो गई जिससे पंडित जी को घर आने में थोड़ा अंधेरा लग चुका था।
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Lalach Ka Fal Short Story In Hindi , लालच का फल कहानी हिंदी में ।
अंधेरा हो जाने के कारण पंडित जी को घर आने में डर लग रहा था क्योंकि रास्ते में जंगल था । जंगल में डाकुओं का बोलबाला था । पंडित रामदास बहुत घबरा रहे थे कि कहीं से डाकू ना जाएं और हमें पकड़ ले । पंडित राम दास यह मन में सोचते हुए जल्दी-जल्दी अपने घर की ओर जा रहे थे । अंधेरा और बढ़ रहा था । कुछ दूर चलने पर रामदास को रास्ते में एक डाकू मिल गया । पंडित राम दास डाकू को देखकर घबरा गए। अब पंडित जी की डर के मारे आवाज भी नहीं निकल रही थी।
डाकू ने पंडित को पकड़ लिया । डाकू, पंडित से कहने लगा कि पंडित बताओ, तुम्हारे गांव में सबसे अमीर आदमी कौन है। आज तुम उसी अमीर आदमी का घर बताओगे और तुम मेरे साथ चोरी करने के लिए उसके घर में चलोगे ।डाकू कहने लगा कि पंडित यदि तुम मेरे साथ चोरी करने के लिए गए तो जो कुछ घर में मिलेगा उसका आधा हिस्सा हम तुम्हें दूगा । पंडित रामदास कि डर के मारे आवाज नहीं निकल रही थी फिर भी पंडित राम दास ने दम जुटाकर डाकू से कहा, देखो हम कोई घर मर बताने वाले नहीं है और ना ही मेरे पास कुछ है तुम हमें छोड़ दो।
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Lalach Ka Fal Short Story In Hindi
तब डाकू बोला, यदि पंडित तुम्हें चोरी में मिला आधा धन कम लग रहा है तो तुम धन के तीन हिस्सा तुम ले लेना और धन का एक चौथाई हिस्सा मैं ले लूंगा। लेकिन तुम्हें सबसे अमीर आदमी के घर ले जाना है आज मुझे चोरी करने के लिए ।पंडित राम दास के मन में लालच आ गई । पंडित रामदास सोचने लगे वैसे तो हमारे पास धन की कमी है यदि हम इस डाकू को अमीर आदमी का घर बता दें और चोरी के लिए गए तो चोरी का धन का एक तिहाई भाग हमें मिल जाएगा जिससे हम अमीर हो जाएंगे।
पंडित ने , डाकू से कहा की शर्त पक्की। डाकू ने कहा, हा पक्की । चोरी के धन का तीन हिस्सा तुम्हारा और एक हिस्सा हमारा होगा। पंडित ने कहा, तो चलो मेरे साथ मैं तुम्हें अपने गांव का सबसे अमीर आदमी का घर बताऊंगा और साथ भी चलूंगा।
गांव तक पहुंचते-पहुंचते आधी रात हो गई । पंडित जी उस डाकू को व्यापारी के घर ले गए । व्यापारी और उसके बच्चे सब सो रहे थे । पंडित और डाकू व्यापारी के घर में घुस गए । पंडित जी को चोरी करना नहीं आता था। पंडित जी तो रसोई में घुस गए और डाकू व्यापारी के घर में रखा सोना ,चांदी ,पैसे सब लूटने लगा । पंडित जी रसोई में घुसते ही उन्हें खीर का सामान दिखा ।पंडित जी ने सोचा जब तक कि चोर चोरी करेगा तब तक हम खीर बना कर खालेंते हैं। पंडित जी ने जल्दी से एक करैया में खीर बनाने लगे । कुछ देर में खीर बन गई। व्यापारी की पत्नी वही सो रही थी और उसका हाथ की मुट्ठी खुली हुई थी। पंडित जी ने सोचा कि लगता है इसे भूख लगी है, इसलिए यह हाथ खोल कर हमसे कुछ खाने को कुछ मांग रही है।
पंडित जी ने गर्म खीर का एक चम्मच व्यापारी की पत्नी के हाथ में रख दी। गर्म खीर होने से व्यापारी की पत्नी का हाथ जलने लगा जिससे व्यापारी की पत्नी की आंख खुल गई। व्यापारी की पत्नी ने घर में पंडित को देखकर चिल्ला उठी। व्यापारी की भी आंख खुल गई । व्यापारी जल्दी आया और पंडित जी को पकड़ लिया। चोर सारा धन लेकर भाग गया। पंडित राम दास चोरी में पकड़े गए।
दोस्तों हमें इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि समय ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि ज्यादा लालच का फल लाभकारी नहीं होता है। अगर आपको यह हमारी कहानी अच्छी लगी हो तो आप इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, व्हाट्सएप ,इंस्टाग्राम, टि्वटर पर शेयर कर सकते हैं। धन्यवाद!
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