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Dakoo Ki Kahani Hindi- डाकू की कहानी हिंदी में।Dacoit story in hindi।motivationinhindi10

 

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प्राचीन समय में एक गांव में एक डाकू रहता था। उसकी पत्नी और उसके दो बच्चे थे। वह डाकू रोज शाम को जंगल की ओर जाता और जंगल में आने जाने वाले हर राहगीर के पास जो कुछ होता वह सब कुछ छीन लेता था। सुबह होने से पूर्व कि वह अपने घर लौट आता था। चोरी में जो कुछ मिलता था उसी से उसका घर चलता था।







कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। एक दिन जब डाकू शाम को चोरी के लिए निकला तो रास्ते में उसे कोई पथिक नहीं मिला। डाकू सारी रात जंगल के रास्ते घूमता रहा। परंतु कोई भी राहगीर उस रात उस रास्ते से नहीं निकला। जिससे उस डाकू को उस रात कोई भी सामग्री नहीं मिली ।एक -दो घरी बाद सुबह होने वाली थी इसलिए उसने सोचा कि चलो अब घर लौट चलते हैं ।आज तो कोई पथिक नहीं आया जिससे आज मुझे कुछ नहीं मिला अब मैं घर क्या ले जाऊंगा यह वह डाकू सोचता रहा।



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जब वह डाकू घर के लिए लौट रहा था तो उसी रास्ते में एक मंदिर दिखाई दिया ।उसने सोचा कि क्यों ना आज हम इस मंदिर में चोरी कर ले। इस मंदिर में जो कुछ होगा वह सब कुछ लूट कर हम अपने घर ले जाएंगे। यह सोचकर वह डाकू मंदिर की ओर चल पड़ा ।वह मंदिर में अंदर गया और उसने चारों तरफ देखा परंतु मंदिर में उसे कुछ भी दिखाई नहीं दिया। जब उसने ऊपर की तरफ देखा तो उसे केवल एक बड़ा सा घंटा टंगा दिखाई दिया ।




डाकू ने बहुत कोशिश की कि वह उस घंटे को उतार सके परंतु वह घंटा बहुत ऊपर टंगा था ।डाकू उसे छू भी नहीं पा रहा था। डाकू की लाख कोशिशों के बाद भी उसका हाथ घंटा तक नहीं पहुंच रहा था ।फिर डाकू के मन में आया कि क्यों ना हम भगवान की मूर्ति पर चढ़कर इस घंटा को उतार ले।





डाकू घंटा उतारने के लिए भगवान पर पैर रखकर ऊपर चढ़ने लगा और घंटा उतारने लगा ।तभी भगवान प्रसन्न हुए और कहा मांगो डाकू क्या चाहते हो ।डाकू घबरा गया। वह सोचने लगा कि हम तो भगवान के मंदिर में चोरी के लिए आए थे ।और वह तो प्रसन्न होकर कह रहे हैं की मांगों क्या चाहते हो ।तब भगवान ने कहा घबराओ मत, सब लोग तो हमें फल बेल पत्ती आदि चढ़ाते हैं ।लेकिन तुमने तो अपने आपको हमें चढ़ा दिया है। इसलिए मांगू क्या मांग चाहते हो। डाकू भगवान के चरणों में गिर पड़ा और कहने लगा भगवान हमें माफ करो हम चोरी के लालच में यह सब करने जा रही थे।  माफ करो भगवान।




भगवान ने उस डाकू को प्रसन्न होकर बहुत सारे सोने की घंटे और हीरे मोतियों की एक भरी टोकरी दी। फिर भगवान अंतर्ध्यान हो गए ।डाकू इतना सारा धन पाकर बहुत खुश हुआ और वह घर लौट आया।



दोस्तों हमें इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि, हमें कभी भी चोरी नहीं करना चाहिए ।मेहनत करके ही अपना जीवन यापन करना चाहिए। अगर आपको ऐ हमारी कहानी अच्छी लगी है तो इसे आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम पर शेयर कर सकते हो।













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