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Bhagwan Jo Karta Hai Achchha Hi Karta Hai, Story In Hindi:God does what is good, राजा और मंत्री की कहानी

 


 नमस्कार दोस्तों हम इस कहानी के माध्यम से जानेंगे कि भगवान जो भी करता है, अच्छे के लिए ही करता है। जो भी करता है हमारे भले के लिए ही करता है। हमें लगता है कि भगवान हमारी सहायता नहीं करते लेकिन ऐसा नहीं है। भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। बस केवल विश्वास रखना एक सबसे बड़ी बात होती है ।जिसके अंदर विश्वास होता है वहीं भगवान को प्राप्त कर सकता है। ऐसी ही एक कहानी एक राजा और मंत्री की जिसमें मंत्री हमेशा यह कहते हैं कि भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है है ईश्वर जो करता है अच्छे के लिए ही करता है । परमात्मा की इच्छा के अलावा कुछ नहीं होता है। अगर हमारी यह कहानी आपको अच्छी लगे तो आप उसको यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप ,इंस्टाग्राम पोस्ट शेयर कर सकते हैं।

Bhagwan Jo Karta Hai Achchha Hi Karta Hai, Story In Hindi: भगवान वही करता है जो अच्छा हो, राजा और मंत्री की कहानी









इस कहानी को पढ़ने के बाद आप सब को समझ आ जाएगा कि हमारे जीवन में जो कुछ हुआ है और यह सब भगवान की इच्छा से होगा। उनकी इच्छा के बिना कुछ भी संभव नहीं। लोग कहते हैं भगवान हमारी बिनती नहीं सुनते और हमे हमेशा दुुुख मे धकेल देते हैंं ।लेकिन ऐसा नहीं क्योंकि हमें केवल आज का और इस समय का ही दिखाई देता है। लेकिन भगवान को इस क्षण और आने वाले भविष्य का भी दिखाई देता है। इसलिए वह जो करते हैं ,अच्छा ही करते हैं ।ईश्वर जो करते हैं अच्छे ही करते हैं । अपनी जिंदगी में भगवान की इच्छा समझकर उसे स्वीकार करना है हमारा धर्म है।

Bhagwan Jo Karta Hai Achchha Hi Karta Hai, Story In Hindi: भगवान वही करता है जो अच्छा हो, राजा और मंत्री की कहानी









प्राचीन समय में एक नगर में एक राजा राज्य करता था और उसका एक मंत्री था। वह मंत्री हमेशा सदैव है कहता था कि भगवान जो करता है अच्छा ही करता है ।भगवान जो करता है हमारे भले के लिए ही करता है। वह हर काम में यही शब्द कहता है । चाहे वह काम बने या बिगड़े, वह हर बात में केवल यही कहता था कि ईश्वर जो करता है ठीक ही करता है ।चाहे बात अच्छी हो या बुरी हमेशा केवल यही शब्द शब्द कहता था । एक दिन की बात  कि, राजा के नगर में एक


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व्यापारी आए हैं । वह तलवारों और फरसों का व्यापार करता है। राजा के मंत्रियों ने राजा से कहा कि राजा एक व्यापारी आया है, जो अपने पास अच्छे अच्छे तलवार और फरसा लाया हैं ओर बेच रहा है ।अगर हम भी तलवार ओर फरसा खरीद लें तो हमारी राज्य की सेन शक्ति बढ़ जाएगी। राजा ने यह सुनकर मंत्री से कहा कि उस व्यापारी को बुलाया जाए और कहें कि सबसे अच्छी तलवारें और फरसा दिखाने के लिए लाये। जब व्यापारी आया तो अपने साथ तलवार और फरसा भी लाया। राजा उन तलवारों को अपने हाथ में लेकर देख ही रहा था की, एक तलवार हाथ से छूट कर उसकी पैर की उंगली पर गिर पड़ी जिससे राजा की उंगली कट गयी। यह देख कर सभी कहने लगे कि यह अच्छा नहीं हुआ। राजा की उंगली कट गई। लेकिन उनमें से एक मंत्री ने कहा कि जो होता है ,अच्छा ही होता है। भगवान जो करता है अच्छा ही करता है। यह सुनकर राजा को गुस्सा आया और उसने कहा कि अच्छा भगवान जो करता है, अच्छा ही करता है। तो चल आज मैं तुझे जेल में डालवा देता हूं। मंत्री ने फिर कहा भगवान जो करता है, अच्छा ही करता है।


और फिर राजा ने उसे जेल में डलवा दिया। एक दिन की बात कि राजा शिकार खेलने गये, उन्हें शिकार नहीं मिला इसलिए वह घने जंगल की ओर निकल पड़े। जब घने जंगल की ओर निकले तो उन्हें डाकूओं ने पकड़ लिया और उन को बंदी बना लिया। 


 वह बोले कि आज काली मां के लिए सबसे अच्छी वली मिल गई, आज काली मां तेरी बलि लेकर बहुत खुश होगी। यह राजा सुनकर घबरा गया और सोचने लगा कि हम यहां से केसे बाहर निकल कर भागे लेकिन, भागने में असफल रहा। डाकुओं ने राजा को पकड़कर एक पेड़ से बांध दिया । कहा की रात्रि में ही हम तेरी वली काली मां को चढ़ा देंगे। यह सुनकर राजा ने सोचा कि आज मेरे प्राण नहीं बचेंगे, यह डाकू हमारी बलि चढ़ा कर ही मानेंगे। 

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शाम होते ही डाकू और राजा को लेकर काली माता के मंदिर गए जहां उन्हें राजा की बलि देनी थी। डाकूओं ने राजा को नहलाया और बलि के लिए तैयार किया जहां पर बलि देनी थी वहां पर मंदिर को खड़ा किया गया । डाकुओं के सरदार ने कहा कि देखो यह कहीं से खंडिंत तो नहीं है। जब डाकूओ ने देखा तो राजा की पेर की एक उंगली कटी थी। डाकू बोले सरदार इसकी तो एक पैर की उंगली कटी है ।इसी वजह हम इसकी वली नहीं दे सकते। क्योंकि इसे काली मां स्वीकार नहीं कर सकते है।


सरदार बोला कि इसे छोड़ दो और दूसरी वली ढूंढ कर लाओ ।राजा वहां से भागा और भागते हुए अपने महल में आया और सबसे पहले मंत्री के पास गया और बोला कि मंत्री तुम सही कहते थे कि भगवान जो करते हैं अच्छा ही करते हैं ।राजा बोला, अच्छा मंत्री हमारी तो पैर की उंगली कट गई थी इसलिए मैं आज बच गया ।लेकिन तुम्हारे साथ कैसे अच्छा हुआ  मैंने तुम्हें जेल में डालवा दिया था । मंत्री बताओ ,मंत्री बोला कि राजा अगर मैं केद में ना होता
तो मैं तुम्हारे साथ शिकार खेलने के लिए जाता, तुम्हारी तो पैर की उंगली कटी थी इसलिए तुम तो बलि चढ़ती नहीं और मेरी बलि चढ़ जाती इसलिए मेरे साथ भी भगवान ने अच्छा ही किया।

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दोस्तों हमें इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि भगवान जो करते हैं हमारे जीवन में अच्छा ही करते हैं इसलिए हमें भगवान श्रीराम पर भरोसा रखना चाहिए।





















 


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