Top really funny Short stories because you want to laugh now , Comedy और Funny कहानी हिंदी में।
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#Comedy Short Story In Hindi पत्नी की तारीफ कहानी
हीरा की शादी को करीब 25 साल होने वाले थे लेकिन आज तक हीरा ने अपनी पत्नी के हाथ से बने खाने की कभी तारीफ नहीं की थी।
एक दिन हीरा ऑफिस से घर की ओर आ रहा था। तभी रास्ते में उसे एक साधु दिखें ।साधु हीरा के पास आए और उनसे कुछ खाने को मांगा। हीरा ने साधु को खाना खिलावा दिया। साधु, हीरा पर बहुत प्रसन्न हुए ।उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें कोई परेशानी हो तो, बताओ मैं तुम्हें उस परेशानी का हल अवश्य बताऊंगा।
हीरा ,साधु से बोला, बहुत दिनों से काम कर रहा हूं ।सच में बहुत मेहनत भी करता हूं लेकिन क्या करूं तरक्की नहीं कर पा रहा हूं ।साधु मुस्कुराए और बोले, तुमने कभी अपनी पत्नी के हाथ से बने खाने की तारीफ की है। हीरा ने कहा, जी! आज तक तो नहीं ।तब साधु बोले, अब तारीफ करके देखना । फिर देखो तुम्हें तरक्की कैसे नहीं मिलती। हीरा ने साधु को धन्यवाद कहा और घर की ओर चल दिया।
हीरा घर पहुंचा और जल्दी हाथ, मुह धोकर खाना खाने बैठ गया ।पत्नी ने खाना परोसा। हीरा ने खाना खाया । फिर खाने की खूब जमकर तारीफ की औंर कहने लगा ,अहाः कैसा स्वादिष्ट भोजन है, आज तो खाने में मजा ही आ गया। हीरा की पत्नी यह सुनते ही अचानक से उठी और डंडा उठा कर हीरा की जमकर पिटाई करने लगी
हीरा पत्नी से बोला, क्या हुआ भाग्यवान! मैं तो तुम्हारे खाने की प्रशंसा ही तो कर रहा हूँ।
पत्नी गुस्से में, 25 साल होने वाले हैं !हमारी शादी को आज तक तो तुमने खाने की तारीफ नहीं की और आज जब पड़ोसन के घर से खाना आया तो उसकी खूब तारीफ पर तारीफ करते जा रहे हो और तो और तुम्हें इस खाने में जिंदगी का मजा आ गया।
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# सेठ और सेठानी की मजेदार कहानी Comedy Hindi Short Story, Funny Jokes In Hindi|
सेठ और सेठानी साइकिल पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। सेठ जी साइकिल चला रहे थे और सेठानी पीछे साइकिल पर बैठी थी। जब सेठ जी साइकिल चला रहे थे तभी अचानक एक गड्ढा आया। उस गड्ढे से साइकिल गुजरी तो सेठ जी की शर्ट की जेब से 10 रुपए का सिक्का उछल कर जमीन पर गिर गया। सेठ जी ने ₹10 के सिक्के को उठाने के लिए साइकिल रोकी। रोक कर सिक्का उठाने लगे, तभी सेठानी बोली, अरे अरे क्या कर रहे हो। सेठ जी ने कहा, मेरा ₹10 का सिक्का गिर गया है, उसे उठा रहा हूं ।सेठानी बोली, अरे तुम्हें इतना भी नहीं पता की गिरी हुई चीज उठाई नहीं जाती।
सेठ जी सेठानी की बात मान गए और फिर दोनों साइकिल पर सवार होकर जाने लगे। (सेठ जी ने मन में सोचा रुको अब हम देखते) इस बार सेठ जी ने बहुत तेज साइकिल चलाई तो सेठानी साइकिल से नीचे गिर गई । सेठानी ने सेठ जी से कहां, रुको, हमें उठाओ! हम गिर गए हैं। सेठ जी हंसे और फिर साइकिल रोकी। सेठ जी ने कहा, तुम्हें पता भी नहीं की गिरी हुई चीज उठाई नहीं जाती।
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