इस संसार में हम क्यों आए हैं ।हमारे जीवन का परम सत्य क्या है। हमारे जीवन का परम सत्य और परम लक्ष्य यही है कि हम जिन परब्रह्म परमात्मा परमेश्वर हरी की कृपा से संसार में आए हैं। उन्हीं हरि की कृपा से अपने जीवन मे त्याग पूर्वक सत्कर्म करते हुए उन्हीं मैं समा जाना है।
वास्तव में मनुष्य का जीवन सुख और दुख की पड़ाव से गुजरता है। किंतु मनुष्य को किसी भी परिस्थिति में अपने जीवन का परम सत्य नहीं भूलना चाहिए। मनुष्य का जीवन उस तराजू भांति है जो कभी इस तरफ झुकती है तो कभी उस तरफ झुकती है। इसी प्रकार मनुष्य के जीवन में सुुुुुख और दुख आते हैं। बुद्धिमान मनुष्य किसी भी परिस्थितििि मे घबराते नहीं है। उन्हें पता होता है कि उनके हरि उनके साथ हैं, और उन्हें हर परिस्थिति से निकाल सकते हैं। इसलिए वे खुशी के समय ना ज्यादा खुश होते हैं और न ही दुख के समय चिल्लाते हैं ।
क्योंकि वह बुद्धिमान मनुष्य जानते हैं कि हमें अपनी चेतना जगाकर, हरि को पाना ही अपने जीवन का परम लक्ष्य और उद्देश्य है।
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